Khargosh aur Kachhua ki Kahani: आज हम खरगोश और कछुआ की कहानी के बारे में जानेंगे। बचपन में हम सभी ने इस कहानी के बारे में सुना है। जो की काफी प्रसिद्ध कहानी है। आए जानते है आखिर यह कहानी क्या है और इससे हमें क्या सीख मिलती है। आए जानते है Rabbit and Tortoise Story in hindi with Moral के बारे में।
खरगोश और कछुआ की कहानी | Khargosh aur Kachhua ki Kahani
कछुआ हमेशा धीरे-धीरे चलता था। कछुए की चाल देख खरगोश खूब हँसता। एक दिन कछुए ने खरगोश से दौड़ की शर्त लगाई। दौड़ शुरू हुई। खरगोश खूब जोर से दौड़ने लगा। वह जल्दी ही कछुए से काफी आगे निकल गया। अपनी जीत निश्चित मान कर खरगोश सोचने लगा, अभी कछुआ बहुत पीछे है। वह धीरे-धीरे चलता है। इतनी जल्दी शर्त जीतने की जरूरत क्या है।
खरगोश ने सोचा पेड़ के नीचे बैठकर थोड़ा आराम कर लूँ। जब कछुआ पास आता दिखाई देगा। तो दौड़कर मैं उससे आगे निकल जाऊँगा और शर्त जीत लूँगा। यह देख कर कछुआ खूब नाराज होगा। बड़ा मजा आयेगा।
खरगोश पेड़ की छाया में आराम करने लगा। कछुआ अब भी काफी पीछे था। थकान के कारण खरगोश को नींद आ गयी। जब उसकी आँख खुली तो उसने देखा कि कछुआ आगे चला गया है और जीत की रेखा पारकर मुस्करा रहा है। खरगोश शर्त हार गया।
खरगोश और कछुआ की कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हम लगातार मेहनत करके अपनी मंजिल तक पहुँच सकते है। हमें किसी को भी कमजोर और छोटा नहीं समझना चाहिए। हम मेहनत करके किसी को भी हरा सकते है।
FAQs about Khargosh aur Kachhua ki Kahani
Q1. कछुए की जीत से आपने क्या सीखा?
इससे हमने यह सीखा की धैर्य और लगन से काम करने वाला विजयी होता है।
Q2. खरगोश और कछुए में से दौड़ कौन जीता?
कछुआ
निष्कर्ष
मैं उम्मीद करता हूँ आपको खरगोश और कछुआ की कहानी (Khargosh aur Kachhua ki Kahani) की कहानी पसंद आई होगी। अगर आपको Rabbit and Tortoise Story पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर कीजियेगा।
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